मैं लाख शिक्षित हो जाऊँ चाँद पर चली जाऊँ मैं लाख शिक्षित हो जाऊँ चाँद पर चली जाऊँ
कहाँ गए रामभक्त जब सीता का दामन छूट रहा है, यही है क्या मंजर जब, मनुष्य राज्य लूट रहा कहाँ गए रामभक्त जब सीता का दामन छूट रहा है, यही है क्या मंजर जब, मनुष्य राज्य...
यह कविता उन महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को समर्पित है जिन्होंने हमें वर्षों की गुलामी से मुक्त... यह कविता उन महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को समर्पित है जिन्होंने हमें वर्षो...
सभी संभव संभावनाओं के मध्य एक छोटा शब्द ! संदेह , शक , और उससे उत्पन्न अंजाम! प्र सभी संभव संभावनाओं के मध्य एक छोटा शब्द ! संदेह , शक , और उससे उत्प...
शहीदों की याद में शहीदों की याद में
हमारे देश के सैनिकों कुछ ऐसा काम करो... हमारे देश के सैनिकों कुछ ऐसा काम करो...